Submitted by Shanidham Gaushala on 07 Jul, 2019
2. गीर
गुजरात में पायी जाने वाली इस प्रजाति के गौवंश का मूल स्थान कठियावाड़ के दक्षिण में पहाडि़यों के क्षेत्र में गिर नामक जंगल है। इस नस्ल की शुद्ध गायें प्रायः एक ही प्रजाति की होती हैं और इनमें दूध देने की अद्भुत क्षमता है। हालांकि इस प्रजाति की गायों को अमेरिका, ब्राजिल, मेक्सिको, वेनेजुएला से भी आयातित किया जाता है, जबकि इसके बच्चे का जन्म नियत समय पर होता है। इसकी आंखें ऐसी दिखती है मानो वे बंद हों। सीगें दोनों और फैली हुई और ऊपर की ओर घुमावदार नुकीली अर्धचंद्राकर की तरह होती हैं। इसी तरह से कान भी सामान्य गायों से अलग नीचे की ओर झुके लंबे पत्ते की तरह होते हैं। ललाट चौड़ा , उभार लिए हुए और थुथन आकार-प्रकार व चमकीले काले रंग के कारण एक नजर में दिख जाती है। मध्यम आकार की गिर की पूंछ लंबी ओर त्वचा ढीली-ढाली होती है। गीर गाय की डिमांड भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी है। सबसे ज्यादा ब्राजील और इस्राइल के लोग इस गाय को पालना पसंद करते हैं, क्योंकि यह सबसे बड़ी गाय है और यह वहां के वातावरण में अच्छी तरह पलती-बढ़ती भी है।