मंत्री दिलावर ने गंगा दशहरा के पर्व पर गौ माताओं को खिलाये तरबूज

Submitted by Shanidham Gaushala on 27 Jul, 2024

राजस्थान सरकार ने दाती महाराज से मांगा तालाबों की खुदाई में सहयोग - श्री शनिधाम पाली पहुंचे पंचायत एवं शिक्षा मंत्री मदन दिलावर दाती महाराज की समाज सेवा की मुहिम देखकर हुए गदगद - देश के निर्माण में संतों की भूमिका को सराहा, दाती महाराज ने भी उत्तम स्वास्थ्य का दिया आशीर्वाद


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गौमाता की पूजा-अर्चना से नवग्रह भी होते है शांत

Submitted by Shanidham Gaushala on 27 Jul, 2024

हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और इसकी सेवा करने की बात कही गई है. मान्यता है कि गाय की सेवा मात्र से व्यक्ति के जीवन के तमाम संकटों का अंत हो सकता है. हिंदू धर्म (Hindu Religion) में गाय को पूज्यनीय माना गया है. कहा जाता है कि बड़े से बड़े कष्ट सिर्फ गौमाता के पूजन से कट जाते हैं क्योंकि गाय में 33 कोटि देवी देवताओं का वास माना गया है. गाय (Cow) की सेवा से सभी देवी देवता प्रसन्न होते हैं, साथ ही परिवार को सुख-समृद्धि (Prosperity) और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान मिलता है. गाय की सेवा से कुंडली का कोई भी दोष दूर हो सकता है और पितृदोष आदि के कारण आने वाली बाधाओं से भी मुक्ति मिलती है. गौमाता की सेवा का जिक्र सिर्फ शास्त्रों में ही नहीं है, बल्कि द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) ने भी गाय के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित किया है और लोगों को गाय की सेवा करने का संदेश दिया है. यदि आपके जीवन में भी कई तरह की परेशानियां हैं तो यहां जानिए गौमाता से जुड़े कुछ ऐसे उपाय जिनसे आपकी हर समस्या का समाधान हो सकता है. ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की शांति के लिए कई उपाय बताए गए है। शास्त्रों के अनुसार गाय माता को खुश करके भी हम नवग्रहों को शांत कर सकते हैं। गाय माता को हर वार आप ये अन्न खिलाकर खुश कर सकते है। तो आइए जानते है कुछ उपाय:


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घाणेराव में आयोजित समारोह में 225 गौ सेवको, लंपि वॉरियस को महामंडलेश्वर दाती महाराज ने किया सम्मानित

Submitted by Shanidham Gaushala on 27 Jul, 2024

घाणेराव 17 नवबर। स्थानीय कस्बे में श्री शनिदेव सेवा समिति घाणेराव के तत्वाधान में आयोजित स्वामी परमहंस निजस्वरूपानंद दाती महाराज के सानिध्य में श्री गौ सेवा रत्न सम्मान समारोह ओर कंबल वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें 225 लंपि वॉरियस को गौ सेवा रत्न से समानित किया गया।


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देशी नस्ल की साहीवाल गाय का संरक्षण कैसे करें

Submitted by Shanidham Gaushala on 27 Jul, 2024

साहिवाल भारतीय उपमहाद्वीप की एक उत्तम दुधारू नस्ल है जो कि उष्ण कटिबन्धीय जलवायु में अपनी दूध क्षमता के लिए सम्पूर्ण विश्व में विख्यात है | इस नस्ल का निर्यात अफ़्रीकी देशों के अलवा आस्ट्रेलिया तथा श्रीलंका में भी वहाँ की स्थानीय गायों की नस्ल सुधार के लिए किया गया है | यह नस्ल चिचडों तथा अन्य बाहय परजीवियों के प्रति प्रतिरोधी होती है | यह नस्ल गर्म जलवायु को आसानी से सहन कर सकती है |


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साहीवाल गाय और उसकी खासियत

Submitted by Shanidham Gaushala on 27 Jul, 2024

साहीवाल गाय शारीरिक विशेषताएं: गहरा शरीर, ढीली चमड़ी, छोटा सिर व छोटे सींग इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं इसका शरीर साधारणत: लंबा और मांसल होता है। इनकी टांगें छोटी होती हैं, स्वभाव कुछ आलसी और इसकी खाल चिकनी होती है। पूंछ पतली और छोटी होती है।


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