आओ मिलकर एक सुनहरा भारत बनाएं गौरी (बेटी), गाय और गंगा को बचाएं

शनिधाम गौशाला में धूमधाम से मनाया गया गोपाष्टमी का महापर्व

शनिधाम गौशाला में धूमधाम से मनाया गया गोपाष्टमी का महापर्व

नई दिल्ली। गोपाष्टमी का सनातन धर्म में विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह त्योहार मुख्य रूप से गौ माता और भगवान कृष्ण के प्रति श्रद्धा और भक्ति को समर्पित है। गोपाष्टमी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन गौ माता और भगवान कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन भगवान कृष्ण द्वारा गौ चराने की शुरुआत की गई थी। इस अवसर पर शनिवार को सिद्ध शक्तिपीठ शनिधाम में धूमधाम –असोला, फतेहपुर बेरी स्थित शनिधाम गौशाला में गोपाष्टमी का धूमधाम से इस महापर्व को मनाया गया।


गोपाष्टमी का महापर्व पुजा-अर्चना कर श्रद्धा से मनाया गया

गोपाष्टमी का महापर्व पुजा-अर्चना कर श्रद्धा से मनाया गया

सोडावास, पाली के निकटवर्ती ग्राम सोडावास में सोडावास श्री शनिधाम गौशाला में गौमाताओं की पुजा-अर्चना कर श्रद्धा से मनाया गया गोपाष्टमी का महापर्व गौमाताओं को श्रीमहंत श्रद्धापुरी जी महाराज ने चन्दन रौली का टिका, चुंदरी ओड़ाकर गुड लापसी का भोग लगवाकर सुख समृद्धि की कामना की गई


मंत्री दिलावर ने गंगा दशहरा के पर्व पर गौ माताओं को खिलाये तरबूज

मंत्री दिलावर ने गंगा दशहरा के पर्व पर गौ माताओं को खिलाये तरबूज

राजस्थान सरकार ने दाती महाराज से मांगा तालाबों की खुदाई में सहयोग - श्री शनिधाम पाली पहुंचे पंचायत एवं शिक्षा मंत्री मदन दिलावर दाती महाराज की समाज सेवा की मुहिम देखकर हुए गदगद - देश के निर्माण में संतों की भूमिका को सराहा, दाती महाराज ने भी उत्तम स्वास्थ्य का दिया आशीर्वाद


भारतीय नस्ल के 20 सर्वाधिक लोकप्रिय गौवंश है | लाल सिंधी नस्ल की गाय के बारें में जानते है |

Submitted by Shanidham Gaushala on 07 Jul, 2019

6. लाल सिंधी लाल सिंधी प्रजाति के गौवंश में अफगान प्रजाति और गीर प्रजाति का वर्णसंकर पाया जाता है । इस प्रजाति की गाय का शरीर पूर्णत: लाल होता है । लाल रंग की सिंधी गाय की गणना सर्वाधिक दूध देनेवाली गायों में होता है ।थोडी खुराक में भी यह अपना शरीर अच्छा रख लेती है ।


Read More 559 reads

जानिये गौ माता की अद्भुत महिमा और अनजान रहस्य !!

Submitted by Shanidham Gaushala on 13 Mar, 2019

महामहिमामयी गौ हमारी माता है उनकी बड़ी ही महिमा है वह सभी प्रकार से पूज्य है गौमाता की रक्षा और सेवा से बढकर कोई दूसरा महान पुण्य नहीं है 1. गौमाता को कभी भूलकर भी भैस बकरी आदि पशुओ की भाति साधारणनहीं समझना चाहिये गौ के शरीर में "३३ करोड़ देवी देवताओ" का वास होता है.गौमाता श्री कृष्ण की परमराध्या है, वे भाव सागर से पार लगाने वाली है.


Read More 1,955 reads

भारतीय नस्ल के 20 सर्वाधिक लोकप्रिय गौवंश है | निमाड़ीनस्ल की गाय के बारें में जानते है |

Submitted by Shanidham Gaushala on 07 Jul, 2019

12. निमाड़ी मध्य प्रदेश के नर्मदा की घाटियों में पायी जाने वाली निमाड़ी प्रजाति की गौवंश का रूपरंग मूलतः गिर और खल्लारी से मेल खाता है। इसपर भूरापन लिए हुए लाल रंग के साथ जगह-जगह बड़े सफेद धब्बे होते हैं। यह दिखने में तांबे के रंग का होता है। इस प्रजाति का गौवंश काफी फूर्तिले होते हैं। अगर इनकी अच्छी देखभाल की जाए तो ये काफी दूध देते हैं। सिंग पीछे की ओर झुके हुए और पूंछ काली एवं साफ होती हैं। इस प्रजाति की अच्छी देखभाल करें, तो पर्याप्त मात्रा में दूध प्राप्त होता है।


Read More 540 reads

More Blogs

पशु , पक्षी, पर्यावरण एवं प्राणी संरक्षण केंद्र

यज्ञ में सोम की चर्चा है जो कपिला गाय के दूध से ही तैयार किया जाता था। इसीलिए महाभारत के अनुशासन पर्व में गौमाता के विषय में विशेष चर्चाऐं हैं। गाय सभी प्राणियों में प्रतिष्ठत है, गाय महान उपास्य है। गाय स्वयं लक्ष्मी है, गायों की सेवा कभी निष्फल नहीं होती।

मित्रो! यज्ञ में प्रयुक्त होने वाले शब्द जिनसे देवताओं व पितरों को हवन सामग्री प्रदान की जाती है, वे स्वाहा व षट्कार गौमाता में स्थायी रूप से स्थित हैं। स्पष्ट है, यज्ञ स्थल गाय के गोबर से लीपकर पवित्र होता है। गाय के दूध, दही, घृत, गोमूत्र और गोबर से बने हुए पंचगव्य से स्थल को पवित्र करते हैं।

Read More